Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
लिङ्गाष्टकम्
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
अर्थ: माता मैनावंती की more info दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
जो कोई जांचे सो Shiv chaisa फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया